Pitru paksha – shradh 2020 हिंदुओं में जातक के गर्भधारण से लेकर मृत्यु के उपरांत तक अनेक प्रकार के संस्कार किए जाते हैं, अंत्येष्टि को अंतिम संस्कार माना जाता है. लेकिन अंत्येष्टि के बाद भी कुछ “कर्म” ऐसे भी होते हैं, जिन्हें मृतक के संबंधी विशेषकर संतान को करना होता है, श्राद्ध (sharadh) कर्म उन्हीं में से एक है. प्रत्येक मास की अमावस्या तिथि को वैसे तो shraddh कर्म किया जा सकता है लेकिन भाद्रपद माह की पूर्णिमा से लेकर आश्विन माह की अमावस्या तक सम्पुर्ण हिंदू समाज को shradh कर्म करने का विधान…
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shukla paksha aur krishan paksh kya hota hai – शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष क्या है
क्या होता है शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष ? shukla paksha aur krishan paksh kya hota hai एक महीने में 30 दिन होते हैं और वह दो भागों में बांटे भी होते हैं. 1) कृष्ण पक्ष 2) शुक्ल पक्ष कृष्ण पक्ष कब होता है ? जब पूर्णमासी के बाद चंद्रमा घटता चला जाता है. धीरे – धीरे घटता चला जाता है और जिस दिन हमे आकाश में बिल्कुल भी चंद्रमा के दर्शन नहीं होते तो उस दिन अमावश हो जाती है तो 15 दिन का जो पक्ष है उसे कहा…
Ram janmabhoomi ayodhya mandir – राम जन्मभूमि अयोध्या मंदिर
Ram janmabhoomi ayodhya mandir तीर्थ नगरी अयोध्या में मस्जिद बनाम मंदिर का वर्तमान मुकदमा 70 साल पुराना हो चुका है या यह मुकदमा लगभग उतना पुराना है जितना पुराना भारत का संविधान. मुसलमानो का कहना या मानना हैं कि यहां 500 साल से मस्जिद थी इसलिए उस पर समझौता नहीं हो सकता उधर हिंदू समुदाय की आस्था है कि यह भगवान राम की जन्मभूमि है. कोर्ट की रोक के बावजूद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों ने 6 दिसंबर 1992 को दिनदहाड़े बाबरी मस्जिद ढहा दी थी. नारा लगा था…
krishna janmashtami puja vidhi – कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधी
श्री कृष्ण जन्माश्ट्मी की पूजा विधि 2020 krishna janmashtami puja vidhi कृष्ण पूजा के लिए आवश्यक सामग्री है. एक चौकी, चौकी के लिए लाल वस्त्र, बाल कृष्ण की मूर्ति या चित्र, एक सिंहासन, पंचामृत, गंगाजल, दीपक, घी और धूपबत्ती, अष्टगंध चंदन या रोली, अक्षत यानि कच्चा साबुत चावल, तुलसी. माखन, मिश्री व अन्य भोग सामग्री श्रृंगार सामग्री इत्र और फूल माला इत्यादि. पूजा विधि – विधान: चौकी पर लाल कपड़ा बिछा लीजिए भगवान कृष्ण की मूर्ति चौकी पर एक पात्र में रखे और दीपक जलाए और साथ ही धूप बत्ती…
krishna janmashtami 2020 mein kaise manaye – कृष्ण जन्माष्टमी 2020 कैसे मनाएं
krishna janmashtami 2020 mein kab hai puja ka shubh muhurat evam puja vidhi – krishna janmashtami 2020 mein kaise manaye जन्माष्टमी का त्योहार श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है प्राचीन कथाओं के अनुसार श्री कृष्ण जी का जन्म मथुरा नगरी में भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि के दिन कंश के कारागृह में देवकी की आठवीं संतान के रूप में हुआ था इस दिन भगवान Lord krishna की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त उपवास रखकर उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. image source…
Braham muhurat – ब्रह्म मुहूर्त
Braham muhurat – ब्रह्म मुहूर्त जो लोग भी बीमारियों से मुक्त एक लंबी आयु पाना चाहते हैं ऐसे लोगों को ब्रह्म मुहूर्त के समय अवश्य उठना चाहिए. “आयुर्वेद” ब्रह्म मुहूर्त, चमत्कारिक पल या अमृत बेला सूर्य उदय से ठीक 96 मिनट पहले का होता है. इस चमत्कारिक समय जिसका ठीक से उपयोग करना अगर आप लोगों को आ जाये तो कुछ ही समय में आपकी लाइफ में आए changes, जिसको देखकर आप दंग रह जाओगे और आप अपने किसी भी dream को इतनी आसानी achieve कर लोगे जिसके बारे में…
savan somwar vrat ka mahatv – सावन सोमवार व्रत का मह्त्व
savan somwar vrat ka mahatv शिव जी को प्रिय है सावन, पुराणो के अनुसार सावन मे शिवजी धरती पर आते है सावन मे सृष्टि सभी पर अपनी क्रपा बरसाती है और ये महिना सभी जीवो के लिये कल्याणकारी माना गया है.“सोमवार का दिवस शिव जी का दिन कहलाता है” इसीलिये सावन के सोमवार मे शिव जी की आराधना करने से शिव जी प्रसन्न होते है तथा भक्त पर lord shiva की विशेश क्रपा होती है. सावन के सोमवार मे शिव जी की विधि विधान से पूजा करने से सभी प्रकार…
Krishna Janmashtami – कृष्ण जन्माष्टमी
Krishna Janmashtami kyon aur kab manaee jaatee hai ? भगवान श्री कृष्ण का जन्म द्वापर युग मे मथुरा के काराग्रह मे हुआ था. भगवान श्री कृष्ण के माता पिता का नाम देवकी एवम वासुदेव था. भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मे कृष्ण पछ की अश्ट्मी तिथि को रोहीणी नछ्त्र मे मध्य रात्रि को हुआ था .जिस दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था उस दिन को हम कृष्ण जन्माष्टमी के रुप मे बडे धुम धाम से पुरे देश मे मनाते है. Krishna Janmashtami के दिन देश भर के सारे…
Sankat chaturthi – संकट चतुर्थी
Sankat chaturthi संकट चतुर्थी का व्रत पुर्निमा के बाद आने वाली चतुर्थी को रखा जाता है .इस व्रत मे चांद के दर्शन अनिवार्य होता है. मनोकामनाओ की पुर्ति के लिये इसे फलदायि माना जाता है. शुक्ल पछ की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और क्र्श्ण पछ कि चतुर्थी को संकश्टी चतुर्थी कहा जाता है. इस दिन व्रत रखने वाले को सुबह स्नान करके स्वछ वस्त्र धारन करने चाहिये तत्पश्चात हाथ मे जल लेकर पुश्प और अछत धारण कर भगवान का मुर्ति स्थापित करना चाहिये और विधि विधान से पुजा करना चाहिये.…
Devshayani ekadashi – देवशयनी एकादशी
देव शयनी एकादशी – Devshayani ekadashi हिन्दू धर्म में मान्यता है कि आज से भगवान श्री हरि विष्णु जी छीरसागर में अगले ०४ माह के लिए निंद्रा में जाते है. अब कोई भी नया मांगलिक कार्य का शुभारम्भ इन चार माह में हिन्दू मान्यता के अनुसार नहीं होगा. जिस दिन भगवान् Lord Vishnu छीरसागर में निंद्रा के लिए जाते हैं उस दिन को देवशयनी एकादशी कहा जाता है. इसे हरि शयनी एकादशी (Hari shyani ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है. Image Source – Google Image by infinite eyes …