सनातन धर्म में माथे पर तिलक लगाना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. यह ललाट पर लगाया जाने वाला एक छोटा-सा चिह्न मात्र होता है, जो कि पूजा अथवा अन्य धार्मिक अवसरों पर लगाया जाता है तिलक लगाने के नियम बिना नहायें तिलक न लगाएं। सबसे पहले अपने इष्ट देव या भगवान को तिलक लगाएं और फिर खुद को तिलक लगाएं। स्वयं को अनामिका और दूसरे को अंगूठे से तिलक लगाएं। तिलक लगाने के फायदे (लाभ) :- चंदन का तिलक लगाने से संकेंद्रण बढ़ती है। रोली का तिलक और कुमकुम लगाने…
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कोणार्क के सूर्य पहियों का वैज्ञानिक महत्व – konaark ke soory pahiyon ka vaigyaanik mahatv
कोणार्क सूर्य मंदिर अपनी मूर्तियों के लिए जाना जाता है। दरअसल, इस मंदिर का निर्माण सूर्य के विशाल रथ की तरह किया गया था। इसे सात घोड़े खींचते हैं। इस टैंक (रथ) पर 12 जोड़ी पहिए लगे हैं। इसका मतलब है कुल 24 पहिये. हर पहिये पर एक खूबसूरत पेंटिंग बनी हुई है. लेकिन ये पहिये हमारी जीवनशैली से जुड़ी बहुत सी बातें विज्ञान के बारे में बताते हैं। ये पहिये यह कहानी बताते हैं कि कैसे पूरी दुनिया सूर्य की शक्ति से चलती है। यहां प्रत्येक पहिये का व्यास…
Bhaee ko raakhee kaise baandhe – kis disha mein baith kar bahan se raakhee bandhavaen
रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई के हाथ पर राखी बांधती हैं और उन्हें सुरक्षा का वचन देती हैं। शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन मनाते समय निर्देशों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। किस दिशा में बैठ कर बहन से राखी न बंधवाएं :- वास्तु शास्त्र के अनुसार रक्षाबंधन के दिन भूलकर भी उत्तर पश्चिम दिशा में बैठकर राखी नहीं बांधनी चाहिए। इस तरह भाई की कलाई से राखी जुड़ना अच्छा नहीं होता है। ज्योतिषियों का कहना है कि राखी बांधते समय बहनों का मुख…
Hariyaalee Teej Pooja vidhi aur Pooja saamagree
मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया को तीज मनाई जाती है। श्रावण में पड़ने और आसपास की हरियाली के कारण इसे हरियाली तीज कहा जाता है। मान्यता है कि इसी दिन माता पार्वती ने घोर तपस्या करके भगवान शिव को प्राप्त किया था। इस दिन वृक्षों, नदियों और जल के देवता वरुण की भी पूजा की जाती है। यह त्यौहार अच्छे वर की प्राप्ति का है। यह वृत उन लड़कियों के लिए खास है जिनकी शादी में दिक्कत आ रही है। इस दिन विवाहित महिलाओं…
Rudraaksh ka arth -रुद्राक्ष का अर्थ
रुद्राक्ष का अर्थ (Rudraaksh ka arth) रुद्राक्ष एक पेड़ के फल का बीज है। रुद्राक्ष का औषधीय एवं आध्यात्मिक महत्व भी है। इसके प्रयोग से जीवन में विशेष फलों की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा जाता हैं कि रुद्राक्ष अकाल मृत्यु और शत्रु बाधाओं से रक्षा करता है। मुख्यता चौदह मुखी रुद्राक्ष होते हैं। इन चौदह रुद्राक्षों के अलावा गौरी शंकर और गणेश रुद्राक्ष भी पाए जाते हैं। रुद्राक्ष पहनने की सावधानियां (रुद्राक्ष क्या करें और क्या न करें) Rudraaksh kya karen aur kya na karen रुद्राक्ष को लाल धागे…
Akshay tritya ka mahattv pooja vidhi avam katha
Akshay tritya ka mahattv pooja vidhi avam katha in hindi इस वर्ष अक्षय तृतीया 14 मई को है और यह दिन बड़ा ही शुभ माना जाता है। अक्षय तृतीया का दिन महत्वपूर्ण यानी कि शुभ क्यों है ? – Akshay trutiya ka mahattav अक्षय तृतीया का दिन विष्णु भगवान को समर्पित होता है । हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार भगवान श्री विष्णु जी ने अक्षय तृतीया के दिन ही परशुराम के रूप में जन्म लिया था । अक्षय तृतीया के दिन परशुराम जन्म दिवस भी मनाया जाता है ।…
Chaitra Navratri 2021 Date – Navratri Kab Shuru Hai
चैत्र नवरात्रि 2021 में कब शुरू होगी और कब समाप्त होंगे ? – Chaitra Navratri 2021 Date – Navratri Kab Shuru Hai और कलश स्थापना करने का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा ? नवरात्र को हिंदू धर्म के प्रमुख पर्वो में से एक माना जाता है जिसे पूरे देश में बहुत ही श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है. साल में चार नवरात्रि होते हैं जिनमें से दो गुप्त नवरात्र और तीसरे चैत्र नवरात्र तथा चौथा नवरात्र शारदी नवरात्र होता है. नौ रूपों वाला यह पर्व मां दुर्गा और उनके…
Holika Dahan ki Katha
इस वर्ष होली (Holika Dahan ki Katha ) का त्योहार फागुन मास की पूर्णिमा तिथि यानी 28 मार्च 2021 को मनाया जाएगा होलिका दहन का शुभ मुहूर्त होगा 6:00 बज 6:37 से 8:56 तक. होलिका दहन की प्रचलित कथा के अनुसार प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का अत्याचारी राक्षस राज ने तपस्या कर ब्रह्मा जी से एक वरदान प्राप्त कर लिया कि संसार का कोई भी जीव जन्तु पशु पक्षी मानव अथवा देवता राक्षस उसे मार ना सके ना वो रात में मरे ना दिन में ना पृथ्वी ना ही…
Mallikarjuna jyotirlinga in hindi
Mallikarjuna jyotirlinga in hindi मल्लिका अर्जुन शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव का दूसरा ज्योतिर्लिंग है है शिव पुराण में वर्णित कथा के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती के मन में यह विचार आया कि उन्हें अपने दोनों पुत्रों का विवाह कर देना चाहिए अतः अपने दोनो पुत्रो को अपने पास बुलाया और उनसे बोले तुम दोनों में से जो भी संपूर्ण संसार का परिक्रमा लगाकर आएगा उसका पहले विवाह किया जाएगा के कार्तिकेय अपनी सवारी मोर पर सवार हो परिक्रमा के लिए निकले गए चूकी गणेश जी को…
Omkareshwar mahadev Jyotirlinga
Omkareshwar mahadev Jyotirlinga ओंमकारेश्वर एक बार की बात हैं नारद मुनि शिव भक्त गण के समीप जा कर भक्ति के साथ उनकी सेवा करने लगे. इसके बाद नारद मुनि गिरिराज विंध्य के पास गए . गिरिराज विंध्य ने बड़े आदर के साथ उनका पूजन किया और बोले मेरे पास सब कुछ है यहां किसी चीज की कोई कमी नहीं है विंध्य की अभिमान भरी बातें सुनकर नारद मुनि खड़े हो गए और कोई जवाब नहीं दिया तब विंध्य बोले आपने मेरे याह कौन सी कमी नारद जी बोले यहां सब…