Mahashivratri vrat Katha – शिवरात्रि की कहानी

Mahashivratri vrat Katha - शिवरात्रि की कहानी

Mahashivratri vrat Katha : प्राचीन काल में किसी जंगल में एक गुरु ध्रुव नाम का शिकारी रहता था जो जंगली जानवरों का शिकार करता था और अपने परिवार का भरण पोषण शिकार से किया करता था एक बार शिवरात्रि के दिन जब गुरु ध्रुव शिकार के लिए निकला संयोगवश पूरे दिन खोजने के बाद भी उसे कोई शिकार ना मिला इस प्रकार दिन भर भूखे प्यासे शिकारी का शिवरात्रि का व्रत हो गया उसके बच्चे पत्नी एवं माता माता-पिता को भूखा रहना पड़ेगा इस बात से वह चिंतित था सूर्यास्त…

Why do we celebrate mahashivratri – महाशिवरात्रि क्यों मनाते हैं

Mahashivratri

Why do we celebrate mahashivratri शिवरात्रि आदि देव भगवान शिव और मां शक्ति के मिलन का महापर्व है हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाने वाला यह महापर्व शिव भक्तों को समृद्धि संतान व आरोग्य प्रदान करने वाला है हिंदू धर्म में सारे देवी देवताओं में भगवान शिव शंकर सबसे लोकप्रिय हैं. यह देवों के देव महादेव हैं भगवान शिव बहुत ही सरल स्वभाव के देवता माने गए हैं इसीलिए इन्हें भोले भंडारी के नाम से भी जाना जाता है अतः इन्हें…

Basant panchami in hindi – बसंत पंचमी कब और क्यों मनाई जाती है

Basant panchami in hindi - बसंत पंचमी कब और क्यों मनाई जाती है

Basant panchami in hindi बसंत पंचमी कहे, श्री पंचमी कहें या ऋषि पंचमी कहे पर्व एक ही है और यह त्यौहार है बागों में फूलों पर बाहर आने का खेतों में सरसों के सोने जैसा चमकने का जौ और बालियों के खिलने का तथा आम के पेड़ों पर बौर सहित सर्वत्र रंग बिरंगी तितलियों के मंडराने का यही वजह है कि प्राचीन भारत और नेपाल में पूरे साल को जिन छह मौसमों में बांटा गया था उनमें बसंत आज भी लोगों का प्रमोशन है विशेष रूप से भारत में बसंत…

Makar sankranti ki puja vidhi aur muhurat मकार संक्रांति की पूजा विधी और मुहूर्त

Makar sankranti ki puja vidhi aur muhurat मकार संक्रांति की पूजा विधी और मुहूर्त

 Makar sankranti ki puja vidhi aur muhurat  मकार संक्रांति की पूजा विधी और मुहूर्त मकर संक्रांति भारत का सिर्फ एक ऐसा त्योहार है जो हर साल 14 जनवरी को ही मनाया जाता है. यह वह दिन होता है जब सूर्य उत्तर की ओर बढ़ता है. हिंदुओं के लिए सूर्य एक रोशनी, उर्जा और ज्ञान का प्रतीक होता है. मकर संक्रांति का त्योहार सभी को अंधेरे से रोशनी की तरफ बढ़ने की प्रेरणा देता है. एक नए तरीके से काम शुरू करने का प्रतीक है. मकर संक्रांति के दिन पर सूर्य उदय…

सूर्य नमस्कार करने का सही तरीका और लाभ Right way and benefits of Surya Namaskar

सूर्य नमस्कार करने का सही तरीका और लाभ Right way and benefits of Surya Namaskar

 सूर्य नमस्कार करने का सही तरीका और लाभ – Right way and benefits of Surya Namaskar सबसे पहले अपने आशन पर खड़े हो जाएं. अपने दोनों पन्जे एक साथ जोड़ कर रखें और पूरा बजन दोनों पैरों पर समान रूप से डालें. अपनी छाती फुलाये और कंधे ढीले रखें.     श्वास लेते हुए दोनों हाथ बगल से ऊपर उठाएं और श्वास छोड़ते हुए हथेलियों को जोड़ते हुए छाती के सामने प्रणाम मुद्रा में ले आए. हाथों को ऊपर उठाएं और पीछे ले जाएं फिर बाजुओं को बाइसेप्स यानी कि कानों…

Benefits of Surya Namaskar in Hindi – सूर्य नमस्कार के लाभ

Benefits of Surya Namaskar in Hindi - सूर्य नमस्कार के लाभ

 Benefits of Surya Namaskar in Hindi – सूर्य नमस्कार के लाभ सूर्य नमस्कार एक ऐसा योगाभ्यास है एक ऐसी एक्सरसाइज है जो आपके शरीर के कई बीमारियों को दूर कर देती है. सूर्य नमस्कार आप कभी भी कहीं भी कितनी भी बार कर सकते हैं इसे हिंदू मुस्लिम सिख और इसाई कोई भी कर सकता है क्योंकि सभी को एक तरह की ही बीमारियां होती हैं सब की शारीरिक समस्याएं भी लगभग 1 तरह की ही होती है इसलिए इसे लेकर किसी भी तरीके के भ्रम में रहने की जरूरत…

Makar sankranti history significance its importance – मकर संक्रांति त्यौहार का महत्व

Makar sankranti history significance its importance - मकर संक्रांति त्यौहार का महत्व

Makar sankranti history significance its importance – मकर संक्रांति त्यौहार का महत्व  मकर सक्रांति  हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है मकर सक्रांति पूरे भारत में तथा नेपाल में किसी न किसी रूप में 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है क्योंकि आज के ही दिन सूर्य कर्क रेखा को छोड़कर मकर रेखा की तरफ आते हैं या फिर यूं कहें कि सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं इसलिए इस दिन को कहीं कहीं-कहीं उत्तरायणी भी कहते हैं इस पर्व को अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम तथा तरीकों से मनाया जाता…

vastu tips for pooja ghar – वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर की दिशा एवं स्थान

vastu tips for pooja ghar - वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर की दिशा एवं स्थान

vastu tips for pooja ghar – वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर की दिशा एवं स्थान हिंदु धर्म मे आस्था रखने वाले या हिंदु धर्म को मानने वाले को एक घर मे केवल एक ही स्थान पर पूजा करनी चाहिए ऐसा शाश्त्रो मे वर्णीत है. अपने घर में हम लोग पूजा पाठ के लिए मंदिर स्थापित करते हैं इस कारण से की देवी देवता की कृपा हमें मिले कोई इस भावना से नहीं करता कि हमें देवी देवता को अपमानित करना है अथवा उनको नाराज करके उनका श्राप हमें लेना है. लेकिन…

कृष्ण लीला गोवर्धन पर्वत की कथा – Krishna leela govardhan parvat kee katha

Krishna-leela

 कृष्ण लीला गोवर्धन पर्वत की कथा – Krishna leela govardhan parvat kee katha गोवरर्धन पूजा की परंपरा द्वापर युग से चली आ रही है. इससे पुर्व इंद्र की पुजा की जाती थी.लेकिन जब भगवान कृष्ण ने गोकुल वासियों को तर्क दिया कि इंद्र से हमें कोई लाभ प्राप्त नहीं होता है. वर्षा करना उनका कार्य है. वह सिर्फ अपना कार्य करते हैं. जबकि गोवर्धन पर्वत गो धन का संवर्धन व संरक्षण करता है जिससे पर्यावरण भी शुद्ध होता है इसलिए इंद्र की नहीं बल्कि गोवर्धन की पूजा हम सभी को…

Govardhan puja – गोवर्धन पूजा

Govardhan puja - गोवर्धन पूजा

Govardhan puja – गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है – कैसे की जाती है – क्या कथा है – क्या विधि है  भारतीय परंपराओं के अनुसार दीपावली 3 दिन की मनाई जाती है. दीपावली मुख्य रूप से तीन दिनों की होती है. नरक चतुर्दशी या रूप चौदस के रूप में दीपावली के 1 दिन पहले इसे मनाया जाता है दीपावली के दिन मां लक्ष्मी,कुबेर ,श्री गणेश, काली इनकी पूजा पूजा-अर्चना की जाती है और दीपावली के ठीक अगले दिन यानी अमावस्या के ठीक अगले दिन गोवर्धन पूजा करने की अति…