Mallikarjuna jyotirlinga in hindi
मल्लिका अर्जुन शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव का दूसरा ज्योतिर्लिंग है है शिव पुराण में वर्णित कथा के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती के मन में यह विचार आया कि उन्हें अपने दोनों पुत्रों का विवाह कर देना चाहिए अतः अपने दोनो पुत्रो को अपने पास बुलाया और उनसे बोले तुम दोनों में से जो भी संपूर्ण संसार का परिक्रमा लगाकर आएगा उसका पहले विवाह किया जाएगा के कार्तिकेय अपनी सवारी मोर पर सवार हो परिक्रमा के लिए निकले गए चूकी गणेश जी को सवारी मूषक है वह पछी की अपेछा धीमी गति से चलता है.
उन्होंने बुद्धि लगाई और अपने माता पार्वती और पिता शिव के चारों ओर एक चक्कर लगा लिया यह देख गणेश से माता पार्वती ने पूछा कि वत्स यह तुमने क्या किया तो गणेश जी ने दोनों हाथ जोड़ते हुए कहा माते मेरे लिए तो मेरे माता-पिता ही संसार है इसलिए मैंने आप दोनों का चक्कर लगा लिया यह सुन माता पार्वती और भगवान शिव बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने गणेश जी का विवाह विश्वरूपम की दोनों बेटियों रिद्धि और सिद्धि से करवा दिया उधर जब कार्तिकेय भ्रमण कर वापस आए तो गणेश जी के विवाह के बारे में पता चला जिससे उन्हें बहुत बुरा लगा और उन्होंने निर्णय किया कि वह कभी विवाह नहीं करेंगे और फिर पर्वत पर चले गए. माता पार्वती और भगवान शिव के वहां जाकर अनुरोध करने पर भी वह नहीं लौटे और वहां से भी चले गए तब से शिव और माता पार्वती ज्योति रूप धारण कर वहीं प्रतिष्ठित हो गए. माना जाता है कि अमावस्या के दिन भगवान शिव और पूर्णिमा के दिन माता पार्वती अपने पुत्र से मिलने आते हैं वर्तमान में आंध्र प्रदेश में स्थित है .