Ghamoriya treatment at home – prickly heat treatments babies

Ghamoriya treatment at home - prickly heat treatments babies

Ghamoriya treatment at home – prickly heat treatments babies

गर्मी जैसे जैसे-जैसे बढ़ती है वैसे त्वचा में से निकलने वाले पसीने और तेल की मात्रा बहुत बढ़ जाती इसके
साथ ही गर्मी में होने वाली त्वचा की बीमारियां भी बढ़ने लगती है जैसे prinkly heat जिसको हम हिंदी में घमोरियां कहते हैं अक्सर बच्चों को और कई बार बड़े लोगों को भी बहुत पसीना आने के कारण गर्मी के दिनों में घमोरियां निकलने लगती हैं.

Ghamoriya treatment at home - prickly heat treatments babies

घमोरिया कैसे पैदा होती हैं?

जब बहुत पसीना आने से पसीने की ग्रंथियों का मुंह बंद हो जाता है तब वह छोटे-छोटे दानों की तरह त्वचा पर दिखाई देने लगते हैं और जब बंद ग्रंथियों में इंफेक्शन हो जाता है यानी उन में सूजन आ जाती है और जलन होने लगती है तब हम उन्हें घमोरियां कहते हैं कभी-कभी इन घमौरियों को खुजाने के कारण इनमें घाव भी हो जाते हैं जब यह संक्रमण थोड़ा सा होता है तब यह रोज ठंडे पानी से नहाने पर अपने आप ठीक भी हो जाता है लेकिन कई बार सूजन और खुजली और जलन काफी बढ़ जाती है और इसका इलाज करना जरूरी हो जाता है सबसे ज्यादा घमोरियां नवजात शिशुओं को और स्कूल जाने वाले बच्चों को होती.

घमोरी यानी कि prinkly heat होने का कारण क्या होता हैं?

सबसे पहले तो घमौरी गर्मी के दिनों में होती है. जब वायुमंडल में तापमान बढ़ जाता है और हमारे शरीर में बहुत पसीना आने लगता है जिसके कारण पसीने की ग्रंथियां धीरे-धीरे करके बंद होने लगती.

हम बहुत ज्यादा शारीरिक परिश्रम करते हैं जिससे हमें खूब पसीना आता है और उसके कारण फिर से ग्रंथियां बंद होने लगती हैं.

गर्मी में कई बार जब लोग नायलॉन के कपड़े पहनते हैं या ऐसे सिंथेटिक कपड़े पहनते हैं जो शरीर को हवा नहीं लगने देते पसीना सूखने नहीं देते और शरीर को ठंडा नहीं होने देते इस तरह पसीना हमारे शरीर पर जमा होने लगता है और शरीर में पसीने की ग्रंथियों को बंद कर देता है.

गर्मी के दिनों में तंग कपड़े पहन ने से जो पसीना उड़ने नहीं देते हैं इससे भी पसीने की ग्रंथियां बंद होने लगती हैं और कई बार घमोरिया होने लगती है.

गर्मी के दिनों में तेल क्रीम और लोशन का उपयोग करना जो पसीने के साथ मिलकर पसीने की ग्रंथियो का मुंह बंद कर देते हैं.

कई दिनों तक ना नहाना और गर्मी के दिनों में बुखार का होना.

गर्मी में घमोरियो से बचाव कैसे करे ?

गर्मी के दिनों में हमेशा ढीले हल्के सूती कपड़े पहनना चाहिए और हवादार कमरे में रहना चाहिए.

ठंडे पानी से नहाना चाहिए जरूरत पड़े तो दिन में दो बार भी नहाना चाहिए. नहाने के लिए हमेशा नीम के साबुन का उपयोग अच्छा रहता है नीम एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक है और इस साबुन से इस्तेमाल करने से घमौरिया कम होती है. अपने शरीर को ज्यादा खुजलाना नही चाहिए घमौरयों पर लोशन दिन में दो या तीन बार लगाना चाहिए यदि खुजली ज्यादा है तो लिवो सिट्राजिन की एक गोली तीन बार तक ले सकते हैं.

गर्मी के दिनों में हमेशा अपने शरीर पर वॉटर बेस्ड मॉइश्चराइजर लगाएं. ऑयल फ्री मॉइश्चराइजर भी पसीने की ग्रंथियों को बंद कर घमौरियों की समस्या ठीक होने के बजाय और बढ़ जाती है यदि घमौरियों को खजाने से उसमें फुंसियां हो गई हो तो उस पर एंटीबायोटिक क्रीम जैसे सोफ्रामायसिन क्रीम लगा सकते हैं यदि फोड़े फुंसियां ज्यादा हो जाए तो एंटीबायोटिक की गोली भी खाने की जरूरत पड़ सकती है लेकिन एंटीबायोटिक की गोलियां बिना डॉक्टर की सलाह के ना खाएं.

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