Gastritis symptoms and treatments in hindi

gastritis symptoms and treatments

Gastritis symptoms and treatments in hindi

पेट की सूजन के कारण और लक्षण क्या होते हैं ? और पेट यानी आमाशय में यदि सूजन की समस्या है तो उसका इलाज और दवा क्या होती है ? और क्या खाने पीने में परहेज रखना चाहिए ?

पेट में आमाशय पाया जाता है और यह अंग बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि इसमें भोजन का पाचन होता है जिसके फलस्वरूप ऊर्जा मिलती है और शरीर सुचारु रुप से कार्य करता रहता है. पेट या अमाशय के अंदर एक सुरक्षात्मक झिल्ली पाई जाती है जिससे stomech लाइनिंग कहते हैं और यह अमाशय की सुरक्षा इंफेक्शन और stomech एसिड से करवाने में मदद करती है यदि किसी कारण से स्टमक में पाई जाने वाली स्टमक लाइनिंग को नुकसान पहुंच जाए तो इससे अमाशय के अंदर सूजन आ सकती है और दर्द भी होता है जिसे हिंदी में जटर शोध कहा जाता है.

इसे गैस्ट्राइटिस gastraitist के नाम से भी जाना जाता है यदि गैस्ट्राइटिस का इलाज समय पर ना करवाया जाए तो इससे पेट में अल्सर होने की समस्या हो सकती है और आगे चलकर यह समस्या पेट के कैंसर का रूप ले सकती है लेकिन इससे भयभीत होने की जरूरत नहीं है क्योंकि गैस्ट्राइटिस ज्यादातर गंभीर रूप धारण नहीं करता और यदि समय पर इलाज करवा लेते हैं तो कोई समस्या नहीं सहनी पड़ती.

अमाशय में गैस्ट्राइटिस gastraitist की समस्या होने के सबसे अहम लक्षण कौन से होते है ? Which is the most common cause of gastritis?

पेट में सूजन महसूस होना और दर्द महसूस होना. दर्द और सूजन की जो समस्या है वह पेट के ऊपरी हिस्से में और बीच के हिस्से में महसूस होती है. आपको ऐसा फील होता है जैसे आपके कुछ चुभ रहा हो पेट के अंदर या कुछ काट रहा हो कुल मिलाकर गैस्ट्राइटिस का दर्द slow से लेकर बहुत तेज हो सकता है.

बार-बार डकार आना जी मिचलाना उल्टी होना और उल्टी में पीले रंग का पानी भी आ सकता है और खुन भी आ सकता है.

यदि आपको गैस्ट्राइटिस की समस्या है तो आप हल्का सा भी खा लेते तो आपको ऐसा लगता है कि आपने बहुत ज्यादा खा लिया है और आपका पेट फुला हुआ आपको महसूस होता है.

इसके इलावा आपको पेट के ऊपरी भाग में जलन भी महसूस हो सकती है समय पर इलाज न करवाने पर यदि स्थिति बिगड़ जाए तो आपको दूसरे लक्षण दिखाई दे सकते हैं जैसे पसीना आना दिल की धड़कन तेज हो जाना भी छाया सांस लेने में कठिनाई हो ना होना छाती में तेज दर्द होना पेट में बहुत तेज दर्द रहना उल्टी में अधिक खून आना और मल में खून आने के साथ-साथ चुभन की समस्या हो सकती है.

गैस्ट्राइटिस की समस्या तब आती है जब किसी कारण से पेट के अंदर पाई जाने वाली सुरक्षात्मक परत को कोई नुकसान पहुंचता है और यह जो नुकसान कई कारणों से पहुंच सकता है जैसे कि पेट में इंफेक्शन हो जाना जो कि ज्यादातर एच पाइलोरी नाम के बैक्टीरिया द्वारा किया जाता है और यह बैक्टीरिया का कारक भी होता है इसके अतिरिक्त किसी प्रकार की चोट लग जाने से भी पेट के अंदर सुरक्षात्मक परत को नुकसान पहुंच सकता है ऑटो ऑटोइम्यून रोग होने के कारण भी आपको यह समस्या आ सकती है इसके अलावा जिन लोगों को डायबिटीज के की समस्या होती है उन्हें यह प्रॉब्लम अधिक होती है जिन्हें कोई दूसरा रोग होते जैसे कि पेट में कीड़े होने से भी समस्या हो सकती है सबसे ज्यादा अमाशय की सुरक्षात्मक परत को नुकसान पहुंचाती है शराब का सेवन अधिक करते हैं तो शराब जो है आपके पेट में घाव या अल्सर पैदा करती है

इसके अलावा कुछ लोग दर्द निवारक दवाइयों का नियमित रूप से सेवन करते हैं जिसके कारण पेट की सुरक्षात्मक झिल्ली को नुकसान पहुंच सकता है उम्र बढ़ने के साथ-साथ अमाशय के अंदर पाई जाने वाली सुरक्षात्मक परत होती है वह कमजोर होती रहती है जिसके कारण लोगों को यह समस्या बार-बार झेलनी पड़ती है जो लोग तंबाकू बीड़ी सिगरेट का सेवन अधिक करते हैं उनमें या पेट की सूजन की समस्या आम तौर पर अधिक पाई जाती है.

पेट की समस्या या gastraitist treatments से बचाव एवम उपाय – what is best treatments. Of gastritis ?

यदि पेट में सूजन हैं तो सबसे परहेज रखना होगा जिनके कारण यह समस्या बार-बार आती है जैसे कि शराब का सेवन रोकना होगा और यदि दवाइयों का सेवन करते हैं तो इसके लिए डॉक्टर से परामर्श लेना बहुत जरुरी होता है इसके अलावा stomac में यानी अमाशय के अंदर इंफेक्शन की समस्या से बचने के लिए साफ-सफाई विशेष ध्यान देना होगा और जितना हो सके बाहरी खाना खाने से परहेज करना होगा.

यदि पेट के ऊपरी भाग में दर्द और सूजन की समस्या हो रही हो डॉक्टर सबसे पहले आपके पेट की जांच करेगा और दर्द कहां पर है यह पता लगाएगा. एच पाइलोरी के पता करने की जांच करवानी पड़ सकती है जिसमें कि खून का टेस्ट करवाना पड़ सकता है या मल की जांच करवाई जा सकती है इसके अलावा पेट के अंदर घाव या नुकसान का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपको एंडोस्कोपी करवाने की भी सलाह दे सकता है और यदि जरूरी होता है तो आपको एक्सरे करवाने की सलाह दे सकता है. डॉक्टर सबसे पहले जांच से यह पता लगाएगा कि आप को किस कारण से गैस की समस्या आई है जांच के आधार पर ही आपको इलाज देगा यदि आपके पेट में इन्फेक्शन हुई है या गांव हुए हैं तो वह आपका उचित ईलाज करेगा.

गैस्ट्राइटिस में क्या खाना चाहिए ?

Food intake in gastritis ?

हाई फाइबर फूड खाने चाहिए या जिनमें फाइबर की मात्रा अधिक हो जैसे से दलिया गाजर आदि.

कम वसा वाला मीट चिकन मछली आदि का सेवन कर सकते हैं.

सब्जियों का सलाद खाने की भी सलाह दी जाती है पेट में सूजन की समस्या होने पर या छाछ का सेवन करना बहुत फायदेमंद माना जाता है.

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