घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के द्वार द्वादश ज्योतिर्लिंगों में यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है जिसका वर्णन शिवपुराण में किया गया है भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग कुशेश्वर या गणेश्वर नाम से भी जाना जाता है महाराष्ट्र में दौलताबाद से 12 मील दूर वेरुल गांव के पास स्थित है. शिव पुराण में वर्णित कथा के अनुसार देवगिरी पर्वत के समीप सुधर्मा नाम का एक अत्यंत तेजस्वी ब्राह्मण रहा करता था उसकी पत्नी का नाम सुदेहा था वह दोनों एक दूसरे से बहुत प्रेम किया करते थे परंतु उन दोनों को विवाह के कई…
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Rameshwaram jyotirlinga story – रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग धाम
रामेश्वर ज्योतिर्लिंग जब रावण सीता जी को हरण कर ले गया तब सुग्रीव और श्री राम वानरों के साथ सागर के किनारे चिंतित हो सागर पार करने हेतू विचार करने लगे हम समुद्र को कैसे पार करेंगे और किस प्रकार लंका को जीतेंगे उतने में ही श्री राम को प्यास लगी उन्होंने पीने हेतू जल मगाया श्रीराम ने प्रसन्न होकर जैसे ही जल लिया उन्हें स्मरण हो आया मैंने अपनी स्वामी भगवान शंकर का दर्शन किया ही नहीं ऐसा कह कर उन्होंने ऋषि पुरोहित को बुलवाया और विधि पूर्वक शिवजी…
naageshvar jyotirling kee katha – नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग पौराणिक काल में दारूका नाम की एक राक्षसी हुआ करती थी जो देवी पार्वती के वरदान से सदा घमंड में रहती थी उसके पति का नाम दारू था जो बड़ा ही बलवान था उसने बहुत से राक्षसों को साथ लेकर वहां के ऋषि मुनि पर अत्याचार करना शुरू कर दिया था वह लोगों की यज्ञ और धर्म को नष्ट करता करता था. पश्चिम समुद्र के तट पर उसका एक वन था जो संपूर्ण समृद्धि से भरा रहता था उस वन का विस्तार 16 योजन था दारूका अपने विलास…
Baba baidyanaath jyotirling devaghar dhaam Ki katha
वैद्यनशेश्वर ज्योर्तिलिंग रावण ने हिमालय पर कई वर्षो तक भगवान शिव की तपस्या की किन्तु फीर भी शिव जी ने उसे अपने दर्शन नहीं दिए फीर रावण ने एक कुंड का निर्माण कर उसमें अग्नि प्रज्वलित कर दी और एक एक कर अपने शीश को काट कर कुंड में अग्नी को समर्पित करने लगा जब वह अपने अंतिम शीश को काटने जा रहा था तभी शिव जी प्रकट हुए और बोले हे दशानन मै तुमसे प्रसन्न हूं वर मांगो तब रावण ने कहा मै आपका एक शिवलिंग लंका में स्थापित…
Tryambakeshvar jyotirling Mandir nashik
त्र्यामकेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का ये ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है शिव पुराण की कोठी रूद्र संहिता में वर्णित कथा के अनुसार पौराणिक काल में गौतम नाम के एक ऋषि हुआ करते थे जिनकी पत्नी का नाम अहिल्या था एक समय ऋषि गौतम के आश्रम क्षेत्र में 100 वर्षों तक बड़ा भयानक अकाल पड़ा. जिसकी वजह से वहां के निवासी महान दुख में पड़ गए यह देखकर ऋषि मुनि मनुष्य पशु पक्षी वहां से दूसरी जगह जाने लगे व्याकुल होकर गौतम ऋषि जी तपस्या करने लगे फिर…
shri kashi vishwanath Vishveshwar Jyotirlinga ki katha
विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का यह सातवां ज्योतिर्लिंग है जो उत्तर प्रदेश के काशी में स्थित है शिव पुराण की कोठी रूद्र संहिता में इसकी स्थापना से जुड़ी कथा बताई गई है जिसके अनुसार एक बार भगवान् सदा शिव के मन में एक से दो हो जाने की इच्छा हुई फिर वह सगुण रूप में प्रकट हुए शिव कहलाए और वहीं पुरुष और स्त्री दो रूपों में प्रकट हो गये उनमें जो पुरुष था उसका नाम शिव हुआ और स्त्री शक्ति नाम से जानी जाती हैं. शिव शक्ति अदृश्य रहकर…
Story behind jyotirlinga – ज्योतिर्लिंग के पीछे की कहानी
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग शिव पुराण में वर्णित कथा के अनुसार प्राचीन काल में एक बहुत ही पराक्रमी राछस हुआ करता था उसका नाम भीमा था वह कुंभकरण और कर्कटी का पुत्र था. वह अपनी माताके साथ पर्वत पर निवास करता था एक दिन उसने अपनी माता से अपने पिता के बारे में पूछा कि मेरे पिता जी कौन है और कहां है कर्कटी ने बताया कि तो रावण के छोटे भाई कुंभकरण तुम्हारे पिता है जिसे श्री राम ने अपने छोटे भाई के साथ मिलकर मार दिया उनसे पहले मेरे पति…
12 Jyotirlinga names aur katha – 12 ज्योतिर्लिंग का नाम और कथा
महाकालेश्वर शिव पुराण में वर्णित कथा के अनुसार उज्जैनी, उज्जैन का हुआ करता था. उज्जैन में चंद्रसेन राजा का साशन हुआ करता था. राजा भगवान् शिव के परम भक्त थे. भगवान शिव के पार्षदों में मणिभद्र पार्षद प्रधान था जो राजा चंद्रसेन का मित्र भी था . एक बार प्रसन्न होकर मणिभद्र ने राजा चंद्रसेन को चिंतामणि नामक महामणि दी जिसे राजा ने अपने गले में धारण कर लिया जिसके बाद उस दिव्य मणि के प्रभाव से राजा का प्रभाव और तेज हो गया और उनकी कीर्ति चारो दिशाओं में…
jyotirling ke naam – भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग की कथा
भगवान शिव ने धरती पर लोगो को 12 जगहों पर खुद अपने भक्तों को दर्शन दिए और वही 12 जगह आज भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम से जाने जाते हैं. शिव पुराण के अनुसार पहला ज्योतिर्लिंग सोमनाथ का नाम आता है प्रजापति दक्ष ने अपनी 27 कन्याओं का विवाह चंद्रमा से किया था . चंद्रमा को स्वामी के रूप में पाकर सभी कन्या प्रफुल्लित हो गई थी तथा चंद्रमा भी उन्हें पत्नी के रूप में पाकर निरंतर सुशोभित होने लगे उन पत्नियों में जो रोहिणी नाम की पत्नी…
What is Holi and why is it celebrated – होली क्या है और इसे क्यों मनाया जाता है
हिंदू कैलेंडर के अनुसार होली फाल्गुन पूर्णिमा में मार्च के महीने में आती है जब गर्मी के मौसम की शुरुवात और सर्दी के मौसम का अंत होता है यानी कि एक नई शुरुआत होती है यही वजह है कि होली को होला शब्द से जोड़कर यह कह दिया गया कि होली शब्द का अर्थ एक नई शुरुआत होता है लेकिन यह सिर्फ मान्यता ही है असल में एक होला स्पेनिश वर्ड है जिससे वहां के लोग नमस्कार या फिर हेलो के तौर पर किसी को विश करने के लिए इस्तेमाल…